“स्मार्ट गाँव धनौरा _विकास की गाथा”

“सोच बदलो-गाँव बदलो [Transform Thought-Transform Village]”
SBGBT 1वां पड़ाव #गाँव धनौरा, बाड़ी , धौलपुर [ दिनांक  14 मई 2017]

सोच बदलो – गाँव बदलो यात्रा का शुभारंभ डॉ. सत्यपाल जी की जन्मभूमि स्मार्ट विलेज धनौरा  से दिनांक 14 मई 2017 को हुआ| धनौरा गाँव भारत का पहला स्मार्ट विलेज बनकर उभरा है| ग्रामीण विकास के इस मॉडल और विचार को  दूसरे गांवों तक पहुंचाने के लिए सोच बदलो गांव बदलो यात्रा का शुभारंभ यही से किया गया है| सोच बदलो गांव बदलो यात्रा  के विषय में विस्तृत रूप से बताने के लिए धनोरा गांव के अब तक के सफर पर एक नजर-

1.  धनौरा गांव, बाड़ी (धौलपुर, राजस्थान) कस्बे से 5 किमी की दूरी पर उत्तर पूर्व में एक छोटा सा गांव है । धनौरा गांव ने पिछले 4-5 वर्षों में विकास की नई गाथा गढ़ी है । जिससे यह गाँव देश का पहला 'स्मार्ट गाँव' बनकर उभरा है ।

2. स्मार्ट विलेज 'धनौरा' डॉ. सत्यपाल सिंह के विजन, ग्रामीणों की सक्रिय जन सहभागिता, सरकार व जिला प्रशासन के सहयोग और Eco-Needs फाउंडेशन (प्रेसिडेंट प्रोफेसर प्रियानंद अगड़े) के निस्वार्थ प्रयासों का परिणाम है ।

3. धनौरा गांव का कायाकल्प करने के लिए डॉ. सत्यपाल सिंह और प्रोफेसर प्रियानंद अगड़े ने एक बहुआयामी योजना तैयार की । इसके पांच अहम हिस्से थे; 
(i) Redevelopment - गांव में सड़क, बिजली, पानी, स्वच्छता की व्यवस्था करना और सामुदायिक भवन, पुस्तकालय, स्किल डेवलपमेंट सेंटर, मेडिटेशन सेंटर, स्वास्थ्य केंद्र  इत्यादि भवनों का निर्माण करना; 
(ii) Retrofitting - कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था करना (solid waste management), रास्तों से अतिक्रमण हटाकर चौड़ा करना, स्कूल, पंचायत और दूसरे महत्वपूर्ण भवनों का जीर्णोद्धार करना तथा इसके साथ-साथ गांव की सुंदरता को बढ़ाना; 
(iii) Green Field - पेड़ों और हरित आवरण के साथ साथ जल संरक्षण का उचित प्रबंधन करना, पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना, ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्रोतों के प्रयोग को बढ़ाना; 
(iv) E-pan - आधुनिक तकनीक का उपयोग करके स्मार्ट गांव के कामों के लिए डिजिटल स्मार्ट तरीके ढूंढना जैसे वाई-फाई फैसिलिटी, CCTV सर्विलांस, वर्चुअल क्लास रूम्स, e-learning, e-library और 
(v) Livelihood - गांव में ही उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करके गांव वालों के लिए रोजगार पैदा करना । 
http://econeeds.org/smart-village.php?svid=1

4. अब तक के प्रयासों से हर घर में टॉयलेट्स (822-टॉयलेट्), सीवरेज लाइन, सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, विद्यालय में बच्चों के लिए आधुनिक शौचालय और सार्वजनिक स्थान पर शौचालय निर्माण का काम पूरा हो चुका है । जिला प्रशासन द्वारा धनौरा को जिले की पहली ODF (Open Defecation Free) पंचायत घोषित किया गया है ।

5. गांव के मुख्य रास्ते के साथ-साथ इसे जोड़ने वाले विभिन्न आंतरिक रास्तों (गलियों) से अतिक्रमण हटा कर इन्हें 8-10 फीट चौड़ाई की जगह अब 20-25 फीट चौड़ा किया गया है और इनमें लगभग 2.3 किलोमीटर लंबी, उच्च कोटि की सीमेंटेड सड़कें बनाई गई हैं। लोगों के आपसी सहयोग व त्याग की बदौलत गांव का हर रास्ता अतिक्रमण मुक्त है।

6. गाँव में गौरव पथ निर्माण करने के लिए 10 से 12 फीट चौड़े रास्ते को 20 से 25 फीट चौड़ा किया गया । राज्य सरकार द्वारा इस आधुनिक गौरव पथ का निर्माण किया गया है। गौरव पथ के निर्माण के लिए गांव के लोगों द्वारा स्वेच्छा से अपनी जमीन देना, सामाजिक जन चेतना और विकास में जन सहभागिता का सबसे बड़ा उदाहरण है । जहां एक ओर एक-एक इंच जमीन के लिए लोगों में लड़ाई झगड़े हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर धनौरा गांव वासियों ने हंसते-हंसते कई फीट जमीन गांव के विकास के लिए दे दी ।

7. गांव की गलियों में, घरों की बाहरी दीवारों पर बने सुंदर और प्रेरणादायक भित्ति चित्र, स्लोगन और प्रेरक पंक्तियां गांव की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ गांव के बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा व सकारात्मक माहौल को जन्म देते हैं। पूरा गांव एक आर्ट गैलरी में तब्दील किया गया है।

8. गांव के सभी परिवारों से विशेषकर सरकारी कर्मचारियों के नियमित आर्थिक योगदान से गांव में सामुदायिक भवन और पुस्तकालय का निर्माण पूरा कर लिया गया है और प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गाँव में 200 से 300 लोगों के बैठने की क्षमता वाला सामुदायिक भवन, स्मार्ट विलेज धनौरा की खूबसूरती में चार चांद लगा रहा है ।

9. गांव के बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देने की व्यवस्था भी की गई है। गांव व आसपास के होनहार बच्चों को गांव में ही स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए “उत्थान कोचिंग संस्थान” की शुरुआत हो चुकी है। आओ पढ़ें-आगे बढ़ें, शिक्षा पाओ-ज्ञान बढ़ाओ इत्यादि कार्यक्रमों की शुरुआत स्मार्ट विलेज धनौरा से की गई है ।

10. ग्रामीणों द्वारा शादी-ब्याह जैसे अन्य खुशी के आयोजनों के अवसर पर, गांव के ही युवक युवतियों के सरकारी नौकरी पाने अथवा नया उद्यम शुरू करने की खुशी में, गांव के विकास के लिए एक निश्चित राशि ‘ग्राम विकास समिति’ को दी जाती है । गांव में किसी व्यक्ति की मृत्यु पर मृत्युभोज के बजाय कोई भी रचनात्मक कार्य करने की व्यवस्था भी शुरू की गई है। गांव की श्मशान भूमि पर स्वजन स्मृति में वृक्षारोपण किया जाता है ।

11. जल संरक्षण और संवर्धन के लिए अतिक्रमण हटा कर एक ढाई किलो मीटर लंबी मानव निर्मित नहर का निर्माण और 8 परकोलेशन तालाबों का काम पूरा हो चुका है । एक अनुमान के अनुसार इस व्यवस्था से गांव की भूमि में प्रतिवर्ष 97.49 मिलियन लीटर पानी रिचार्ज होता है। प्रत्येक वर्ष वृक्षारोपण का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है । ‘ग्रीन विलेज - क्लीन विलेज’ का नारा स्मार्ट विलेज धनौरा की पहचान बन चुका है ।

11. गांव में सार्वजनिक स्थानों पर सोलर लाइट लगाने का काम भी पूरा हो चुका है । जिससे रात के समय में पूरा गांव दूधिया रोशनी से जगमगा उठता है । इससे अंधेरे के कारण महिलाओं और बच्चों को होने वाली परेशानी से भी पूरी तरह निजात मिल चुकी है ।

12. वर्तमान में, गांव में कोई पुलिस केस दर्ज न होने के कारण, जिला प्रशासन द्वारा धनौरा गांव को “क्राइम फ्री विलेज” घोषित किया गया है। गांव में पूर्ण शराबबंदी व नशाखोरी के चलते गांव को ‘अल्कोहल फ्री गांव’ भी घोषित किया गया है।

13. अभी इस गांव में इन्फार्मेशन सेंटर और मेडिटेशन सेंटर का निर्माण कार्य जारी है । आने वाले समय में स्किल डेवलपमेंट सेंटर, ग्रामीण विकास के लिए ट्रेनिंग सेंटर, वाई-फाई फैसिलिटी, CCTV सर्विलांस, वर्चुअल क्लास रूम, e-learning, e-library और गांव में डेयरी प्लांट जैसी कई योजनाएं मूर्त रूप लेना बाकी हैं । बच्चों के शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक विकास के लिए खेल मैदान का निर्माण भी होना है ।

14. 16 जुलाई 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्मार्ट विलेज धनौरा को “आदर्श ग्राम सम्मान” का खिताब देकर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया। राज्य सरकार द्वारा धनौरा ग्राम पंचायत को राज्य स्तरीय पंचायत अवार्ड से भी नवाजा गया है और साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर जबलपुर में हुए कार्यक्रम में भी धनौरा गांव को शामिल किया गया।

15.  ग्रामीण विकास की मुहिम को दूसरे गांवों तक पहुंचाने के लिए और लोगों को प्रेरित करने के लिए "सोच बदलो गांव बदलो अभियान" की शुरुआत की गई । SBGBT (सोच बदलो गांव बदलो टीम) का मानना है कि वैचारिक जागरूकता ही किसी भी समाज के विकास का आधार होती है । हमारा देश गांवों का देश है, गांवों के विकास से ही हमारा देश सही मायने में आगे बढ़ सकेगा । इस टीम द्वारा अतिक्रमण मुक्ति, शराब मुक्ति, बच्चों को अच्छे संस्कार देने और युवाओं का मार्गदर्शन करने, महिला सशक्तिकरण, किसानों को सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने तथा ग्रामीण समस्याओं का जन सहयोग द्वारा समाधान करने जैसे कई कार्य किए जा रहे हैं । इन्हीं प्रयासों के कारण सोच बदलो गांव बदलो टीम के कार्य आज एक अभियान का रुप ले चुके हैं । इस अभियान के माध्यम से लोगों से अपने गांव, समाज व राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाने की अपील की जा रही है । टीम के कार्यों को विस्तृतरूप से जानने के लिए- http://sbgbteam.com/

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