विचार ही वस्तु बन जाते हैं (Thoughts become things)!!_राम प्रकाश मौर्य जी IRS कलम से
विचार ही वस्तु बन जाते हैं (Thoughts become things)!!_ बहुत सारे लोग, ख़ास तौर पर बहुत सारे स्टूडेंट्स, विभिन्न प्लैटफॉर्म्स पर मुझसे यह सवाल करते हैं कि आप शुद्ध गांव के होकर भी, पूर्ण अशिक्षित वातावरण और पृष्ठभूमि में रहकर भी, आर्थिक अभाव से गुज़र कर भी और ज़्यादा आकर्षक व्यक्तित्त्व के न होते हुए भी, बिना किसी नियमित कोचिंग के, सिविल सर्विसेज एग्जाम इतनी कम उम्र में पास कर लिए, ये कैसे हुआ ?? यक़ीन कीजिये ये सवाल मेरे मन मे भी आता है। एक महत्त्वपूर्ण चीज़ जो मैं दिल से महसूस करता हूं वो यह है कि मुझे मेरे विचारों ने बनाया है। किसी पश्चिमी मनोवैज्ञानिक ने कहा है कि "विचार ही वस्तु बन जाते हैं" (Thoughts become things)! गांव के गरीब और साधनहीन बच्चों को प्रेरणा देने के लिए , उनसे जुड़ने के क्रम में , अभी सितंबर में अपनी पूज्य माताजी की पहली पुण्यतिथि पर अपने विद्यालय के बच्चों के बीच बोल रहा था तो भी यह सवाल आया था। "विचार ही वस्तु बन जाते हैं" इस वाक्य का सामान्य अभिप्राय यही है कि हम जैसा अपने बारे में सोचते रहते हैं , वैसा होते चले जाते हैं। यानी " प्राप्य के व...